आज दिनांक 27 जुलाई, 2015 को दक्षिणी दिल्ली से सांसद श्री रमेश बिधूड़ी जी ने संसद में ‘शून्य काल’ के दौरान सदन का ध्यान दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार बजट को 56 करोड़ रूपये तक अभूतपूर्व तरीके से बढ़ाने की ओर दिलाते हुए कहा कि केवल कॉमनवैल्थ गैम्स के दौरान ही दिल्ली सरकार का प्रचार अथवा पब्लिसिटी बजट लगभग 24 करोड़ था अन्यथा यह सामान्तया 9 से 15 करोड़ के बीच ही रहता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा अभी तक किए गए पब्लिसिटी स्टंट से उनकी एक ऐसी छवि बनाई जा रही है कि केवल वे ही दूध के धुले हैं और अन्य सभी भ्रष्ट हैं और विकास में बाधा पहॅंुचा रहे हैं। एफएम रेडियो और टेलिविजन पर विज्ञापन ‘’वो परेशान करते रहे, हम काम करते रहे’’ और आम जनता को यह जताना कि उपद्रवियों तथा समाज विरोधी तत्वों के सामने डटे रहना, केवल नाटक है। दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा आनन्द पर्वत क्षेत्र में एक लड़की की दुर्भाग्यपूर्ण हत्या को उछालना केवल जनता की भावनाओं को भड़काने की उनकी अवसरवादी आदत है। श्री बिधूड़ी ने सदन को दिल्ली के मुख्यमंत्री के मंच के 50 मीटर के दायरे में युवा गजेन्द्र सिंह की आत्माहत्या का स्मरण कराते हुए कहा जहॉं पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनकी पूरी कैबिनेट और पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे, क्या उन्होंने गजेन्द्र सिंह को आत्माहत्या करने से रोका ? गजेन्द्र सिंह भी किसी का पिता, भाई और बेटा था, वास्तव में, वीडियो फुटेज में आप पार्टी के लीडर कह रहे थे कि, ‘है या गया’ एक इंसान के प्रति ऐसी नाकारात्मक सोच दिल्ली सरकार की छवि को साफ-साफ दर्शाती है।
एक परेशान करने वाली बात यह है कि किसी एक आदमी की छवि को चमकाने के लिए जनता के पैसों का बड़ी मात्रा में दुरूपयोग किया जा रहा है और दिल्ली में कोई भी यह देख सकता है कि बसों में, बस स्टॉपों पर और दिल्ली के सभी प्रमुख स्थानों पर बड़ी संख्या में गुमराह करने वाले होर्डिंग व विज्ञापन लगे हुए हैं। केजरीवाल सरकार के पहले दिन से ही सत्ता में आने के बाद से दिल्ली के मुख्यमंत्री अन्य सभी पार्टियों की नाकारात्मक पब्लिसिटी में व्यस्त हैं और करदाताओं के पैसों की कीमत पर स्वयं को बढ़ावा देने में पैसे उड़ा रहे हैं।
क्या दिल्ली सरकार द्वारा मिस्टर केजरीवाल का निजी प्रचार करने के लिए व्यापक प्रावधान करने हेतु दिल्ली के आम आदमी से कभी सलाह की गई है, जबकि यह पार्टी हमेशा लोगों की सलाह लेने और जनमत संग्रह ;रेफेरेन्डमद्ध कराने की बात करती है। ऐसी पब्लिसिटी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ़ है और मुझे आशा है कि इस प्रकार के उल्लंघन के मामले पर सुप्रीम कोर्ट भी ध्यान देगा।
श्री बिधूड़ी ने पूरी मजबूती के साथ जनता की गाढ़ी कमाई की लागत पर श्री केजरीवाल की निजी सनक अथवा छवि को चमकाने के लिए इस प्रकार के खुल्लमखुल्ला प्रचार की निंदा की।