आज दिनॉंक 27/02/2015 को श्री कृष्णपाल गुर्जर जी ‘समाजिक न्याय एवं अधिकारिता, राज्य मंत्री’ एवं दक्षिणी दिल्ली से सांसद श्री रमेश बिधूड़ी जी द्वारा पलवल से अलीगढ़ जाने वाली रेल का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया गया। गत वर्ष दक्षिणी दिल्ली से सांसद श्री बिधूड़ी जी ने माननीय रेल मंत्री भारत सरकार, से आग्रह किया था कि पलवल से अलीगढ़ जाने वाली रेल को दिल्ली देहात से जोड़ा जाए, रेल सफर करने का सबसे सस्ता माध्यम है और इस नए मार्ग से दिल्ली देहात से पलवल एवं पश्चिम उत्तर प्रदेश सफर करने वाले हजारो यात्रियों को लाभ मिलेगा, यह रेल पलवल से अलीगढ़ के 5 घण्टें के सफर में दिल्ली के तुगलकाबाद, निजामुद्दीन, शिवाजी ब्रिज, नई दिल्ली, मण्ड़ावली, आनन्द विहार आदि से होकर जायेगी। जिस प्रकार पिछली सरकारों में नए रेल रूटों की केवल घोषणाएॅं मात्र होकर रह जाती थी, श्री नरेन्द्र मोदी जी की ष्डपदपउनउ ळवअमतदउमदज – डंगपउनउ ळवअमतदंदबमष् के नारे को अमल में लाते हुए मात्र एक वर्ष से भी कम समय में मॉंग स्वींकार करते हुए इस रेल का शुभारंभ हुआ।
इस अवसर पर श्री बिधूड़ी जी ने कहा कि प्रतिदिन हजारों लोग पलवल, दादरी, अलीगढ़, दनकौर आदि से दिल्ली में काम के लिए आते हैं उन यात्रियों को इस नए रेल रूट से लाभ होगा। श्री बिधूड़ी जी ने 2015-16 के रेल बजट को इतिहास में सबसे बहतरीन रेल बजट बताया, उन्होनें कहा कि हमारी केन्द्र सरकार भारतीय रेल और उसकी सुविधाओं को विश्व स्तरीय बनाने के लिए करबद्ध है, इस रेल बजट में माननीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु जी ने महिला सुरक्षा, साफ सफाई व स्टेशनों के पुर्न-विकास पर विशेष ध्यान दिया है।
न्यूज चैनलों पर गुमशुदा बच्चों व मानसिक रूप से बीमार हुए लापता लोगों का विज्ञापन दिखाना अनिवार्य
आज दिनॉंक 27/2/2015 को लोक सभा की कार्यवाही व्.भ्वनते में निजी न्यूज चैनलों पर गुमशुदा बच्चों व मानसिक रूप से बीमार हुए लापता लोगों का अनिवार्य विज्ञापन दिखाने के सन्दर्भ में उठाते हुए कहा कि आज समाज में कई गिरोह इस प्रकार के संगीन अपराध को अंजाम दे रहे हैं, बच्चों को अगवाह कर अवैध मानव व्यापार, विकलांग बनाकर उनसे भीख मंगवाना, उनसे चोरी करवाना तथा बाल मजदूरी करवाते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है गायब बच्चों में 55 प्रतिशत लड़कियॉं होती हैं तथा लापता बच्चों में 55 प्रतिशत कभी नही मिलते हैं। इस विषय पर सर्वाेच्च न्यायालय भी टिप्पणी कर चुका है कि प्रभावी बच्चों को ढ़ूढने में पूरा तंत्र लग जाता है तथा गरीब व्यक्ति की रिपोर्ट तक नही दर्ज की जाती है। इस गम्भीर विषय पर सभी संस्थाओं को अपनी जिम्मेदारी निर्धारित करने की आवश्यकता है, इसके साथ-साथ केवल राष्ट्रीय दूरदर्शन चैनल पर ही गुमशुदा बच्चों के विज्ञापन दिखाते हैं, जोकि नाकाफी है क्योंकि अधिकतर महानगर शहरों में दूरदर्शन की अपेक्षा निजी चैनलों के दर्शक कई गुना ज्यादा हैं। मंत्री जी से अपील करते हुए कहा कि सभी न्यूज चैनलों को दिशा-निर्देश दिये जायें ताकि वह दिन में कम से कम 15 मिनट सभी गुमशुदा व मानसिक रूप से बीमार हुए लापता लोगों के अनिवार्य विज्ञापन दिखाए जायें, जिससे हम इस सामाजिक बुराई का निवारण कर सकें।