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दक्षिण दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने तुगलकाबाद गांव में लोगों को दिल्ली सरकार द्वारा नगर निगम की 13000 करोड़ की राशि रोकने संबंधी पत्रक वितरित किए। सांसद बिधूड़ी ने इस दौरान गांव के कई घरों में जाकर दिल्ली सरकार के इस कदम पर चर्चा की। बिधूड़ी ने कहा कि सरकारों का कार्य स्थानीय इकाइयों को मजबूत करना होता है। जबकि अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार नगर निगम का 13 हजार करोड़ मारकर उसे पंगु बनाना चाह रही है। उन्होंने कहा कि राशि के अभाव में दिल्ली नगर निगम की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई है। नगर निगम द्वारा संचालित अनेक जनसेवा से संबंधित योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। नगर निगम के अस्पताल, डिस्पेंसरियां, स्कूल आदि के संचालन में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि भारत के संविधान की धारा 243 के अनुसार राज्य सरकार को अपने अंतर्गत आने वाले नगर निगमों को जनता द्वारा दिए गए टैक्स के पैसों का हिस्सा संविधानिक तौर पर देना होता है। उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार नगर निगम का पैसा रोक कर संविधान के खिलाफ कार्य कर रही है। दिल्ली के दो लाख नगर निगम के कर्मचारियों को वेतन, 50 हजार सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन, 10 लाख प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के शिक्षा एवं मिड डे मील, पार्को का रख रखाव आदि व्यवस्थाओं को चलाने में नगर निगम को बहुत परेशानी हो रही है। दिल्ली सरकार की इस मक्कारी के कारण दिल्ली के लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी कमियों को छुपाने के लिए उल्टा भाजपा पर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे हैं।