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2016

29.Jul.2016 || लोक सभा में शून्य काल के दौरान उठा दिल्ली में त्डच् डॉक्टर्स का मुद्दा

By July 29, 2016October 28th, 2021No Comments

आज दिनांक 29 जुलाई, 2016 को दक्षिणी दिल्ली से सांसद श्री रमेश बिधूड़ी जी ने शून्य काल के दौरान सदन और सरकार का ध्यान राजधानी दिल्ली में तकरीबन 40 हजार, त्डच् ;त्महपेजमतमक डमकपबंस च्तंबजपजपवदमतद्ध डॉक्टरों की तरफ दिलाया। श्री बिधूड़ी जी ने कहा कि त्डच् डॉक्टर्स जिन्होंने वैद्या विसारद व वैद्या रत्ना ‘2 वर्षीय प्रशिक्षण/डिप्लोमा’ पूर्ण कर प्रमाण पत्र प्राप्त किए, जिनके आधार पर त्डच् डॉक्टर्स वर्षों से अनाधिकृत कॉलोनियों, गॉंव, मोहल्लों/कस्बो व गरीब वर्गीय क्षेत्रों में अपनी रोजी-रोटी चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते आ रहे हैं, जिनसे क्षेत्र के गरीब लोगों को स्वास्थ्य संबंधी छोटी-बड़ी परेशानीयों में उनके घर के निकट व सस्ता इलाज उपलब्ध हो जाता है। लेकिन, आज इन डॉक्टरों की रोजी-रोटी के साथ खिलवाड किया जा रहा है तथा उनको क्ड। ;क्मसीप डमकपबंस ।ेेवबपंजपवदद्ध व क्डब् ;क्मसीप डमकपबंस ब्वनदबपसद्ध जो कि डठठै डॉक्टरों की संस्थाएॅं हैं, के द्वारा दुकान बन्द करने के नोटिस भेजकर परेशान किया जा रहा है, आखिर किस नियम व आधार पर उनकी रोजी-रोटी को छीना जा रहा है, अगर उनके ‘रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायी’ ;त्डच्द्ध प्रमाण पत्र, अवैध व फर्जी हैं, तो उन संस्थानों के खिलाफ कार्यवाही करें जिन्होंने उनको सर्टिफिकेट जारी किए हैं, इसमें डॉक्टरों व उनके परिवारों का क्या दोष है।

श्री बिधूड़ी ने बताया कि दक्षिणी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में अधिकतम आबादी वाले क्षेत्र जैसंे, संगम विहार, बदरपुर, छतरपुर, देवली, अम्बेड़कर नगर, राजनगर, आदि क्षेत्र, जिनकी प्रत्येक की आबादी 4 से 5 लाख की है, और इन क्षेत्रों में हजारों की संख्या में त्डच् डॉक्टर्स 20-25 वर्षों से अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं, उनके परिवार का क्या होगा। इस संदर्भ में, सदन के माध्यम से सरकार से अनुरोध किया कि हजारों परिवार के जीवन-यापन से जुडा यह विषय बहुत ही चिंताजनक है, इस पर सरकार संज्ञान ले, और उचित कदम उठाए।