दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ दिलà¥à¤²à¥€ सांसद शà¥à¤°à¥€ रमेश बिधूड़ी ने महातà¥à¤®à¤¾ गांधी जयंती को महरौली जिले में 75 कि0मी0 साइकिल यातà¥à¤°à¤¾ पूरà¥à¤£ करने के बाद आज दूसरे दिन दकà¥à¤·à¤¿à¤£ जिले में 75 वरà¥à¤· अमृत महोतà¥à¤¸à¤µ पर 75 कि0मी0 की साइकिल तिरंगा यातà¥à¤°à¤¾ शहीद à¤à¤—त सिंह चौक जैतपà¥à¤° गॉंव (बदरपà¥à¤° विधान सà¤à¤¾) में पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ 8ः00 बजे शहीद à¤à¤—त सिंह जी की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ पर मालà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤ªà¤£ कर दिलà¥à¤²à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€ आदेश गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¤¾à¤†à¤‚े के साथ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकी।
यह यातà¥à¤°à¤¾ बदरपà¥à¤° विधान सà¤à¤¾ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° से तà¥à¤—लकाबाद विधान सà¤à¤¾, कालकाजी विधान सà¤à¤¾ व संगम विहार विधान होते हà¥à¤ देवली विधान सà¤à¤¾ पहॅà¥à¤šà¥€ जहॉं सांगवान बारात घर बांध रोड़ देवली में यातà¥à¤°à¤¾ का समापन किया गया। यातà¥à¤°à¤¾ मारà¥à¤— पर जगह-जगह कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने अपने पूरà¥à¤£ हरà¥à¤·à¥‹à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ सांसद बिधूड़ी को फूल-मालाà¤à¤‚ पहनाकर व पà¥à¤·à¥à¤ª वरà¥à¤·à¤¾ कर यातà¥à¤°à¤¾ का सà¥à¤µà¤¾à¤—त किया।
इस अवसर पर रमेश बिधूड़ी ने कहा कि हम à¤à¤¾à¤°à¤¤ वासियों का यह सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ है कि हमें देश के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ के रूप में शà¥à¤°à¥€ नरेनà¥à¤¦à¥à¤° मोदी जी का नेतृतà¥à¤µ मिला है। बिधूड़ी ने बताया कि आजादी के 65 साल तक à¤à¤¸à¤¾ माहौल बनाने की कोशिश की जाती रही कि à¤à¤• ही परिवार व à¤à¤• ही खानदान ने इस देश को सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ दिलाई। देश के हजारों शहीद वीर जवानों की कà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को याद तक नहीं किया गया जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देश की आजादी के लिठअपने पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ का बलिदान दिया, जो अपने घर, परिवार, बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की परवाह किठबगैर हजारों मिल दूर सरहदों पर देश की रकà¥à¤·à¤¾ करते हà¥à¤ शहीद हो गà¤à¥¤ लेकिन देश के यशसà¥à¤µà¥€ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ जी ने दिलà¥à¤²à¥€ में इंडिया गेट पर शहीदों को समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ करने के लिठनेशनल वॉर मेमोरियल बनवाने का काम किया, जिससे कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के लिठउनकी कà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सदैव याद किया जाता रहे। पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ जी के आगà¥à¤°à¤¹ अनà¥à¤¸à¤¾à¤° सà¤à¥€ सांसद गली-गली जाकर शहीदों को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि देने व उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नमन करने और उनके परिवारों को समà¥à¤®à¤¾à¤¨ देने के लिठयह साइकिल यातà¥à¤°à¤¾ निकाली जा रहीं है और आजादी के 75 वरà¥à¤· को अमृत महोतà¥à¤¸à¤µ के रूप में मनाया जा रहा है। बिधूड़ी ने कहा कि निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से हम ऋणी हैं उन शहीद वीर सेनानियों के जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना जीवन का बलिदान देकर इस देश में लोकतंतà¥à¤° बहाल कराया। जिससे आज देश के नागरिक अपनी इचà¥à¤›à¤¾ से कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ चà¥à¤¨à¤¤à¥‡ हैं, अपनी समसà¥à¤¯à¤¾ का समाधान करवाते हैं, तà¤à¥€ à¤à¤• गरीब का बेटा इस देश के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ बनकर à¤à¤• सेवक के रूप में गरीब, मजदूर, किसान, दलित, वंचित, कमजोर वरà¥à¤— की चिंताओं का समाधान व उनकी आवशà¥à¤¯à¤•ताओं की पूरà¥à¤¤à¤¿ कर रहे हैं और उनके मजबूत नेतृतà¥à¤µ में आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ सशकà¥à¤¤ व आतà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤° बन रहा है।