आज दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ दिलà¥à¤²à¥€ सांसद शà¥à¤°à¥€ रमेश बिधूड़ी के नेतृतà¥à¤µ में जिला महरौली के कापसहेड़ा में कृषि बिल के समरà¥à¤¥à¤¨ में 10 गाॅंव की दूसरी किसान सà¤à¤¾ का आयोजन किया गया। जिसमें माननीय जल शकà¥à¤¤à¤¿ मंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ गजेनà¥à¤¦à¥à¤° सिंह शेखावत जी मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ के रूप में व जिलाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· महरौली शà¥à¤°à¥€ जगमोहन महलावत, निगम पारà¥à¤·à¤¦ शà¥à¤°à¥€ इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤œà¥€à¤¤ सहरावत, शà¥à¤°à¥€ रविनà¥à¤¦à¥à¤° गोदारा, शà¥à¤°à¥€ महेश यादव उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थे। सà¤à¤¾ के दौरान कोविड-19 से समà¥à¤¬à¤‚धित नियमों का पालन किया गया।
किसानों को समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करते हà¥à¤ माननीय मंतà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ शेखावत जी ने कहा कि किसानों के इस समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ हो रहा है कि मैं अपने घर में अपने लोगों के बीच बात कर रहा हूॅं, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि खà¥à¤¦ किसान होने के नाते व कृषि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में काम करने के नाते और आदरणीय मोदी जी के पहले कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² में कृषि मंतà¥à¤°à¥€ होने के नाते कृषि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में काम करने का अवसर मिला। कृषि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° को और बारीखी से समà¤à¤¨à¥‡, उसकी नीतियों, योजनाओं के बारे में चरà¥à¤šà¤¾ करने का अवसर आप सà¤à¥€ के आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ से मिला है। हम सà¤à¥€ ने कà¤à¥€ ना कà¤à¥€ अपने बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों से सà¥à¤¨à¤¾ है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ सोने की चिड़िया है, इस देश में दूध-दही की नदियाॅं बहती हैं। हमने गà¥à¤²à¤¾à¤® à¤à¤¾à¤°à¤¤ में अंगेà¥à¤°à¤œà¥‹à¤‚ की गलत नीतियों के कारण दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से हमारा देश खादà¥à¤¯à¤¾à¤¨ की कमी वाला देश बन गया, देश आजाद होने के बाद अंगेà¥à¤°à¤œà¥€ हà¥à¤•à¥‚मत से आजादी तो मिल गई परनà¥à¤¤à¥ जो लोग सतà¥à¤¤à¤¾ में थे उनके दिमाग में बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ हà¥à¤•à¥‚मत उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° बनी रही, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ की कृषि को, à¤à¤¾à¤°à¤¤ की अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को और à¤à¤¾à¤°à¤¤ के विकास को कà¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ से नहीं देखा, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹ की जो वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ थी उसी अनà¥à¤¸à¤¾à¤° देश को चलाने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया, और उसका परिणाम कà¥à¤¯à¤¾ रहा à¤à¤¾à¤°à¤¤ खादà¥à¤¯à¤¾à¤¨ की कमी वाला देश बन गया। मैं धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ करना चाहता हूॅं देश के अनà¥à¤¨à¤¦à¤¾à¤¤à¤¾ का जिनके खून पसीने से मेहनत से और वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ का जिनके कृषि कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में लगन व परिशà¥à¤°à¤® से खादà¥à¤¯à¤¾à¤¨ की कमी वाला देश अधिक उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ वाला देश बना। अपितॠआज हमारा देश दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के 10 सबसे बड़े देशों में कृषि उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ को निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ करने वाला देश बना है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ का 4 लाख करोड़ रू0 का कृषि वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° है, ढाई लाख करोड़ रू0 का कà¥à¤² आयात है और 4 लाख करोड़ रू0 का कà¥à¤² निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि यह दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤£ है कि इतनी मेहनत करने के बाद à¤à¥€ देश का किसान कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ करने को मजबूर था, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ किसान के घर में रोशनी नही थी, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अंगेà¥à¤°à¤œà¥€ मानसिकता देश पर शासन करने वालों के दिमाग में रही थी, जिससे देश का किसान उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ से वंचित रहा। आज जब उनके उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का रासà¥à¤¤à¤¾ खà¥à¤²à¤¾ है तो विरोधी दल उसे बंद करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहे हैं।
इस दौरान सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि कृषि बिल जो किसानों को समृदà¥à¤§ और सशकà¥à¤¤ बनाने वाला बिल है, जिसमें देश के किसानों की आय दोगà¥à¤¨à¥€ हो, किसान को फसल की कीमत डबल मिले à¤à¤¸à¥€ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ व पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ हैं। परनà¥à¤¤à¥ विपकà¥à¤· दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इस बिल के विषय में फैलाया जा रहा à¤à¥‚ठजो कि तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से परे है। बिधूड़ी ने बताया कि अà¤à¥€ तक देश में किसानों के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£, किसानों के उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ व उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ की लोग बाते करते थे, किसानों की फसल की कीमत उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पूरी मिल जाठइस संदरà¥à¤ में पूरà¥à¤µ में रही सरकारों ने कà¤à¥€ परवाह नहीं की। राजनीतिक दल दशकों तक देश पर शासन करते रहे और गरीब किसान अंधकार व गरीबी में रहा। पहली बार हमारे देश के माननीय पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ नरेनà¥à¤¦à¥à¤° मोदी जी किसानों के उतà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के लिठबिल लाये हैं, तो यह बदलाव उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अचà¥à¤›à¤¾ नहीं लगा, वह इसका विरोध कर रहे हैं बिल के खिलाफ à¤à¥‚ठफैला कर लोगों को à¤à¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ करने का काम कर रहे हैं।
बिधूड़ी ने बताठकिसानों को बिल के फायदे। 70 साल बाद देश के अनà¥à¤¨à¤¦à¤¾à¤¤à¤¾à¤“ं को बिचैलियों के चà¥à¤‚गल से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ मिलेगी, वह अपनी उपज को इचà¥à¤›à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पर देश के किसी à¤à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में जाकर बेच सकते हैं। इस बिल से किसान खरीददार से सीधे संपरà¥à¤• कर सकेंगे और बीच में बिचैलियों को मिलने वाले लाठके बजाय किसान को उनके उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ की पूरी कीमत मिलेगी। अगर इस दौरान किसी à¤à¥€ विवाद की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ बनती है तो उसका निपटान à¤à¥€ 30 दिनों में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर हो सकेगा और खरीददार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उपयà¥à¤•à¥à¤¤ कृषि मशीनरी तथा उपकरण की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की जाà¤à¤—ी। देश में 10 हजार कृषक उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• समूह (à¤à¤«à¤ªà¥€à¤“) निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ किठजा रहे हैं, कांटà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿ सिरà¥à¤« उपज पर लागू होगा किसान की जमीन पर नहीं। किसानों को अपने उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ के लिठकोई उपकर नहीं देना होगा और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ढà¥à¤²à¤¾à¤ˆ का खरà¥à¤š à¤à¥€ वहन नहीं करना होगा। शà¥à¤°à¥€ बिधूड़ी ने à¤à¤®à¤à¤¸à¤ªà¥€ व à¤à¤ªà¥€à¤à¤®à¤¸à¥€ पर लोगों में फैलाठजा रहे à¤à¥à¤°à¤® कि नà¥à¤¯à¥‚नतम समरà¥à¤¥à¤¨ मूलà¥à¤¯ पर अनाज की खरीद बंद हो जायेगी, के विषय में बताया कि à¤à¤®à¤à¤¸à¤ªà¥€ पर पहले की तरह खरीद जारी थी और आगे à¤à¥€ जारी रहेगी। पहले किसान मजबूर थे मंडियों में अपनी फसल को बेचने के लिà¤, उनसे à¤à¤®.à¤à¤¸.पी. से डाउन रेट पर मंडियों में कीमत ली जाती थी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उसकी सरकारी खरीद नहीं हो पाती थी राजà¥à¤¯ सरकारों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾à¥¤