आज दक्षिणी दिल्ली सांसद रमेश बिधूड़ी ने कोविड-19 महामारी के चलते प्रेसवार्ता कर दिल्ली सरकार की नाकामी और दिल्ली में व्यवस्थाओं के नाम पर बोले जा रहे सरकार के झूठ को उजागर किया। बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल जी के भरोसे दिल्ली वासियों को किस प्रकार छोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि 7 अप्रैल को वह कहते हैं कि हमारे पास सरकारी अस्पतालों में 8000 बेड हैं, होटलों में 12000 रूम हैं और बैक्वेट हाॅल में 10000 बेड की व्यवस्था है। बिधूड़ी ने बताया कि 8 अप्रैल को केजरीवाल जी से वीडियो कान्फ्रैसिंग के माध्यम से कोविड-19 बीमारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए चर्चा की गई, जिसमें हमने सुझाव दिया कि दिल्ली के स्टेडियमों में 20-25 हजार बेड की व्यवस्था कर दीजिए। इसके बाद 20 मई को सरकार हाई कोर्ट में हलफनामा देती है कि हमारे पास केवल 3150 बेड हैं। 28 मई को मौतों की संख्या 316 थी, जो 4 जून को बढकर 650 हो गई। 31 मई को न्यूज चैनल पर मुख्यमंत्री जी कहते हैं हमारे पास 6500 बेड हैं और इसी दिन वीडियो कान्फ्रैसिंग पर कहते हैं 6600 बेड हैं। वह 2 जून को फिर वीडियो कान्फ्रैसिंग पर कहते हैं हमारे पास 6731 बेड हैं जिनमे 4100 बेड खाली हैं और 4 जून को अन्य न्यूज चैनल पर कहते हैं हमारे पास 10000 बेड हैं। 5 जून को एप जारी कर कहते हैं हमारे पास 8505 बेड हैं जिनमें 3904 भरे हुए हैं और 4601 खाली हैं। श्री बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री जो इस महामारी के वक्त में जहाॅं हर दिन लोग अपनी जान गवा रहें हैं, वहाॅं वह लोगों के प्रति असंवेदनशीलता का परिचय दे रहे हैं। केजरीवाल लोगों को कह रहे कि वह घर में कोरानटाइन रहें जबकि उनके मंत्री सतेन्द्र जैन खुद अस्पताल में भर्ती हैं और यदि दिल्ली सरकार के हाॅस्पिटल की सेवाएॅं इतनी अच्छी हैं तो क्यों उनकों प्राईवेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इसलिए केजरीवाल गरीब लोगों को मरने के लिए छोड़ रहे हैं और होम कोरानटाइन रहने के लिए कह रहे हैं। बिधूड़ी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि आप खुद तो 10 कमरे के सरकारी बंगले में रहते हैं और एक गरीब परिवार जो एक या दो कमरों में रहता है वह अपने आप कों होम कोरानटाइन कैंसे करेगा। केजरीवाल सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए होम कोरानटाइन का राग अलापे हुए है जबकि पिछले दो महीने से केजरीवाल अपने घर में छुप कर बैठे थे ना उन्होंने किसी हाॅस्पिटल में जाकर कोई व्यवस्था देखी, सिर्फ अपने घर बैठ कर प्रेस कान्फ्रैन्स कर अपनी सरकार की वाह-वाही करते रहे। उन्होंने कहा कि इस महामारी के चलते असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों के लिए खाने की व्यवस्था, उनके रूकने की व्यवस्था, उनके बिजली बिलों में निश्चित शुल्क और पेनल्टी माफ करने के सम्बंध केजरीवाल जी को पत्र भी लिखा। परन्तु परिणाम नगण्य रहे।
सांसद महोदय ने कहा कि दिल्ली में इस प्रकार बदहाल स्थिति पर 14 जून को हुई बैठक में माननीय ग्रह मंत्री जी ने इस पर संज्ञान लिया जिसमें संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों के लिए दुख व्यक्त किया और उनके परिवारों के प्रति संवेदनशीलता व्यक्त की, कि उनके शव परिजनों को ही दिए जाएॅंगें। बिधूड़ी ने कहा कि इसके दो दिन बाद ही केन्द्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार दिल्ली में 169 कोविड सेन्टर स्थापित करवाए गए, जहाॅं टेस्ट बढ़ा कर संख्या 18000 करने की व्यवस्था तथा आधा घण्टे में परिणाम (निशुल्क), केन्द्र सरकार के माध्यम से 1000 रेलवे कोच दिल्ली में दिए गए लगभग 8000 बेड की व्यवस्था हेतु। कोविड टेस्ट की कीमत 4500 से घटा कर 2400 करवाई गई। 500 अतिरिक्त वेंटिलेटर दिल्ली में दिए गए। 1000 अतिरिक्त एम्बुलेंस की व्यवस्था कराई गई। 7,32,429 छ95 फेस कवर, 4,41,390 च्च्म् किट, 25 लाख भ्ब्फ टेबलेट और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 277 करोड़ रूपये फंड दिया गया है। इस महामारी से लड़ने के लिए संसाधन, आॅक्सीजन सिलेण्डर, वेंटिलेटर, पल्स आॅक्सी मीटर व अन्य आवश्यकताओं को पूरा करेंगे। छोटे अस्पतालों तक सही जानकारी के लिए दिशा-निर्देश हेतु एम्स में टेलीफोनिक दिशा-निर्देश के लिए वरिष्ठ डाॅक्टर्स की कमेटी का गठन किया गया है जो दिल्ली सरकार के डाॅक्टर्स व दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के डाॅक्टर्स के साथ अस्पतालों का दौरा करेंगे कि अस्पतालों में कोई कोताही नहीं बरती जा रही या कोई अव्यवस्था है तो उसकी रिपोर्ट बनाकर केन्द्र सरकार को भेजेंगे। भारत सरकार के पाॅंच वरिष्ठ अधिकारी अस्पतालों की माॅनिटिरिंग करेंगे, जो मजबूती के साथ लड़ाई लड़ेंगे। निजी अस्पतालों में सरकारी 60ः बेड रेट पर कमरा उपलब्ध करवाया जायेगा। भारत सरकार का स्वास्थ्य विभाग दिल्ली सरकार ।प्प्डै व दिल्ली के तीनों निगम डाॅक्टर्स की टीम सभी कोरोना अस्पतालों में जाकर वहाॅं की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं व कोरोना से लड़ने की तैयारियों की रिपोर्ट तैयार करेगी।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के स्काउट गाइड व छब्ब्ए छैै स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से वालंटियर के नाते ट्रीटमेंट जोन में एक सप्ताह में घर-घर जाकर सर्वे किया जायेगा व अरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाई जायेगी और कुछ दिन में ही पोलिंग स्टेशन अनुसार टेस्टिंग की व्यवस्था शुरू करवाई जायेगी।