आज दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ दिलà¥à¤²à¥€ जिला महरौली में माननीय पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ जी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कृषि बिल लाने पर किसानों की आय 2022-23 तक दोगà¥à¤¨à¥€ हो जाठउनके इस पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ को आगे बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤, बिल के समरà¥à¤¥à¤¨ में और माननीय पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ मोदी जी का धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ करने लिठकिसानों का à¤à¤• समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ सà¤à¤¾ के रूप में छतà¥à¤¤à¤°à¤ªà¥à¤° में आयोजित किया गया। जिसमें मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ के रूप में कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के सांसद होने के नाते शà¥à¤°à¥€ रमेश बिधूड़ी जी को आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया गया। इस दौरान वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में चल रही कोविड-19 महामारी के नियमों का पालन सामाजिक दूरी का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखते हà¥à¤ किया गया। यह बिल किसानों के लिठकितना लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ है इसकी जानकारी सांसद रमेश बिधूड़ी ने सà¤à¤¾ में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ किसानों को सरल à¤à¤¾à¤·à¤¾ में विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से दी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि इस बिल के अनà¥à¤¦à¤° कà¥à¤› विरोधी पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¥…ं विशेष रूप से कांगेà¥à¤°à¤¸ राजनीति कर रही है, जबकि इस बिल में à¤à¤• à¤à¥€ कà¥à¤²à¤¾à¥…ज à¤à¤¸à¥€ नही है जो किसानों को नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ पहà¥à¥à¥…ंचाती हो, यह बिल पूरà¥à¤£ रूप से 100 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ किसानों के हित में है, वह दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° कर रहे हैं कि मंडियाॅं अब खतà¥à¤® कर दी जाà¤à¥…गी, जबकि à¤à¤¸à¤¾ नहीं है, यह तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से परे है, मंडियाॅं जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ कि तà¥à¤¯à¥‹à¤‚ सà¤à¥€ रहेंगी, वह दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° कर रहे हैं à¤à¤®.à¤à¤¸.पी. खतà¥à¤® कर दी जाà¤à¤‚गी, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि अà¤à¥€ दो दिन पहले ही माननीय कृषि मंतà¥à¤°à¥€ जी ने संसद में नठसाल 2020-21 की à¤à¤®.à¤à¤¸.पी की सूची जारी की है, à¤à¤®.à¤à¤¸.पी का इस बिल से कोई लेना-देना नहीं है। à¤à¤®.à¤à¤¸.पी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· सरकार यूॅंही तय करती रहेगी, किसान चाहंे अपना अनाज मंडी में बेचे या खà¥à¤²à¥‡ बाजार में बेचे अब इससे किसान की बाउंडेशन राजà¥à¤¯ की मंडियों से खतà¥à¤® कर दी गई है अब किसान अपनी मरà¥à¤œà¥€ से पूरे à¤à¤¾à¤°à¤¤ को à¤à¤• मंडी के रूप में विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ बनाकर à¤à¤¾à¤°à¤¤ की किसी à¤à¥€ मंडी में अपनी उपज को अपनी इचà¥à¤›à¤¾ मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° बेच सकता है, जिससे किसान à¤à¤• दबाव और गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ की पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿ से निकलकर बाहर आà¤à¤—ा। यह किसानों को लाठदेने वाला बिल है, इस बिल के अंदर ठेकेदार किसान से कोई à¤à¥€ काॅनà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿ करेगा तो वहाॅं पर 30 दिन के अंदर अगर काॅनà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥ˆà¤•à¥à¤Ÿ में कोई à¤à¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ व कà¥à¤µà¤¿à¤¤à¤°à¤£ हो जाता है तो à¤à¤¸.डी.à¤à¤® को अधिकार है कि उसका निबटान करे, पहले à¤à¤¸à¤¡à¥€à¤à¤® पंचायत के माधà¥à¤¯à¤® से दो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ किसान व दो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ठेकेदार बà¥à¤²à¤¾à¤•à¤° फेसला तय करेगा और नहीं करेगा तो 30 दिन में à¤à¤¸à¤¡à¥€à¤à¤® को उसका फेसला देना पड़ेगा, फेसले में à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¡à¥€à¤à¤® बाधà¥à¤¯ है कि वो किसान को किसी à¤à¥€ तरह से जà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¾/पेनलà¥à¤Ÿà¥€ नहीं लगा सकता, जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ किसान करार को रदà¥à¤¦ करना चाहता है तो किसान ने जो à¤à¤¡à¤µà¤¾à¤‚स में लिया है उसे वापस लौटाà¤à¤—ा वो à¤à¥€ केवल तब, जब किसान की फसल बिक जाà¤à¤—ी, अगर किसान की फसल बिकने पर à¤à¥€ वह पैसा पूरा नही देता है तो उसके घर, जमीन, खेत से कोई लेना-देना नही है, करार जो होगा वह फसल का होगा ना कि जमीन व खेत का होगा, इस करार के माधà¥à¤¯à¤® से अगर किसान से कोई करारदाता करार करेगा तो करार करते वकà¥à¤¤ जो कीमत तय की जायेगी उसके अंतरà¥à¤—त अगर ओले पड़ जायें, बाढ आदि से फसल को नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ होता है तो किसान को इसकी कीमत का पूरा पैसा देने का करारदाता हकदार होगा, à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में किसान को पूरा पैसा दिया जाà¤à¤—ा चाहें वह ठेकेदार इंशà¥à¤¯à¥‹à¤°à¥‡à¤‚स ले या कहीं से à¤à¥€ ले किसान को उससे कोई लेना-देना नहीं है, इसलिठà¤à¤®.à¤à¤¸.पी से ऊपर हà¥à¤ करार में किसी à¤à¥€ नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ का दायितà¥à¤µ केवल करारदाता का होगा किसान का नहीं होगा किसी à¤à¥€ सूरत में। शà¥à¤°à¥€ बिधूड़ी ने बताया कि इस बिल में इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के अनेकों पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ हैं जो किसान को उसकी माली हालत से ऊपर उठाने का काम करेगा और उसकी कीमत का दोगà¥à¤¨à¤¾ उसे मिल जाà¤, इस उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ को लेकर आज यह किसान समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ आयोजित किया गया है, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आने वाले समय में लोक सà¤à¤¾ से लेकर à¤à¤¨.सी.आर के इलाकों में जाकर इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से हम किसानों को जागरूक करेंगे और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उनके हित की जानकारियाॅं देंगे। इस संदरà¥à¤ में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आगे बताया कि अगली बैठक महरौली जिले में ही जहाॅं किसानों के गाॅंव अधिक पड़ते हैं वह किशनगà¥, à¤à¤°à¤¥à¤², नजफगॠया महिपालपà¥à¤° कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में रखना तय किया है।