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आज दक्षिणी दिल्ली सांसद श्री रमेश बिधूड़ी नेे मोदी सरकार के सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के सफलतम 9 पूर्ण होने पर 30 मई से प्रारंभ महाजनसंपर्क अभियान, संपर्क से समर्थन के तहत दक्षिणी दिल्ली लोक सभा में विधान सभा अनुसार तुगलकाबाद, अम्बेड़कर नगर, महरौली और छत्तरपुर कुल चार विधान सभाओं में लाभार्थी सम्मेलनों का आयोजन करवाया। जहॉं विधान सभाओं से हजारों की संख्या में लाभार्थी सम्मिलित हुए।

इस दौरान सांसद रमेश बिधूड़ी ने माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में चल रही गरीब कल्याण की योजनाओं का लाभ लेने वाले लोगों से बात की और उनका अनुभव जाना। जिसके बाद बिधूड़ी ने मोदी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी समस्त लाभाथिर्यों से साझा की। बिधूड़ी ने कहा कि केन्द्र में मोदी जी की सरकार सदैव गरीबों को समर्पित रही है जिसके फलस्वरूप पहले की तुलना में और वर्ष 2014 के बाद से बीते 9 वर्षों में गरीब व्यक्तियों के जीवन स्तर में काफी सुधार देखने को मिले हैं।

बिधूड़ी ने बताया कि कांग्रेस सरकार में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जी का वक्तव्य था कि केंद्र सरकार 1 रूपया केंद्र से भेजती है तो मात्र 15 पैसे ही नागरिकों तक पहुंच पाते हैं। उस समय 85 पैसे बीच में बिचौलिए भ्रष्टाचार के रूप में खा जाते थे। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा वर्ष 2014 में ही जनधन योजना के अंतर्गत गरीब लोगों के बैंक में खाते खुलवाए गए जिससे सरकार द्वारा दिया जाने वाला लाभ सीधा उनके खातों में पूर्ण रूप से पहॅुच रहा है, पिछले 9 वर्ष में गरीबों के 48.72 करोड़ जनधन खाते खुले हैं। उन्होंने कहा गरीब व्यक्ति अपनी बीमारी में या परिवार के किसी भी सदस्य की बीमारी में उपचार के लिए मजबूरन अपना घर-जमीन, खेत, जेवर इत्यादि बेचकर या बाहर से कर्ज लेकर उपचार करवाता था आज उन्हें बीमारी में इलाज के लिए जमीन बेचने व कर्ज लेने की आवश्यकता नही पड़ती प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना से गरीब व्यक्ति 5 लाख तक इलाज किसी भी सरकारी व निजी अस्पताल में मुफ्त पा सकता है, अब तक 4.5 करोड़ लोग इस योजना से लाभांवित हुए हैं और 37 करोड़ आयुष्मान कार्ड़ बने हैं। पहले हर गरीब व्यक्ति को बेटी के पैदा होने पर उसकी पढाई व शादी की चिंता सताती थी, लेकिन मा0 प्रधानमंत्री जी ने उनकी इस चिंता को समझते हुए बेटी किसी गरीब को बोझ ना लगे उन्होंने बेटियों के सम्मान के लिए बैंको को आदेश दिया की सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत बेटी की आयु 9 वर्ष होने पर उसका खाता खोला जा सकता है जिसमें एक हजार रूपये प्रति माह जमा कर, बेटी की आयु 18 से 21 वर्ष होने पर उसकी शादी करनी है तो 6.50 लाख रूपये निकाला जा सकता है और यदि बेटी पढ़ना चाहती है तो आधा पैसा 50 प्रतिशत राशि पढ़ाई के लिए भी निकाली जा सकती है। जिससे बेटी की पूरी जिम्मेदारी व उसके उज्जवल भविष्य की चिंता अब सरकार की हुई। उन्होंने बताया कि पहले बेटियां घर से दूर स्थलों पर पानी लेने जाती थी लेकिन अब मोदी सरकार द्वारा नल से जल योजना के ंअंतर्गत 12 करोड़ परिवारों में पानी का कनेक्शन दिया गया है जिससे बेटियां अपनी पढ़ाई को समय दे पा रही हैं।

उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के 60 वर्षों के पश्चात भी देश में लोगों के पास निजी शौचालय नहीं थे। शौचालय के अभाव में महिलाओं को असुविधा का सामना करना पड़ता था, पिछले 9 वर्षों में स्वच्छ भारत अभियान के तहत 11.72 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया है जिससे स्वच्छता के साथ-साथ आज महिलाएं सम्मानजनक जीवन जीने में सक्षम है। पहले लकड़ी व गोबर को ईंधन के रूप में प्रयोग करने से आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की माताओं-बहनों की ऑंख व फेफड़ों पर बुरा प्रभाव पड़ता था, लेकिन आज प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के माध्यम से लगभग 9.6 करोड़ परिवारों को मुफ्त चूल्हा व कनेक्शन दिया गया है जिससे माताओं-बहनों का जीवन सुगम और स्वस्थ व्यतित हो रहा है। बिधूडी ने आगे बताया कि पहले छोटे व सीमान्त किसानों को बीज, खाद व सिंचाई इत्यादि के लिए साहूकारों से कर्ज लेना पड़ता था जिससे उनका शोषण भी होता था लेकिन वर्ष 2018 से किसान सम्मान निधि के रूप में प्रत्येक वर्ष देश के 11.03 करोड़ किसानों को प्रति वर्ष 6000 रूपये मोदी सरकार द्वारा सीधा उनके खातों में दिए जाते हैं।

इसी प्रकार बिधूड़ी ने बताया कि गरीब रेहड़ी-पटरी वालों व ठेले पर सामान बेचने वालों को अपना जीवन-यापन चलाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है उन्हें अपना काम शुरू करने के लिए कर्ज तक लेना पड़ता है जिसके बाद अपनी आमदनी का बड़ा हिस्सा ब्याज के रूप में देना पड़ता है, ऐसी स्थिति में एक गरीब सड़क विक्रेता कर्ज तले दबे रहने के कारण परेशानियों भरा जीवन व्यतीत करता है। मोदी सरकार ने उनकी स्थिति में सुधार लाने के लिए उन्हें व्यवसाय में मदद हेतु स्वनिधि योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का प्रयास किया है, अब रेहड़ी-पटरी वाले केन्द्र सरकार से 10,000 रूपये तक बगैर गारंटी के ऋण प्राप्त कर अपने व्यवसाय में आगे बढ़ सकते हैं और एक वर्ष के भीतर उस लोन को चुकाने के पश्चात 20-50 हजार तक बगैर गारंटी लोन प्राप्त कर सकते हैं। अब तक 34 लाख रेहड़ी-पटरी वाले इस योजना से लाभांवित हुए हैं।