आज दिनांक 07.08.2018 को दक्षिणी दिल्ली सांसद श्री रमेश बिधूड़ी जी ने लोक सभा में शून्य काल के दौरान दिल्ली में मजदूरों के वेतन पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि दिल्ली में लाखों की संख्या में मजदूर रहते हैं, उनकी न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की नौटंकी कर केजरीवाल ने गरीब लोगों को फिर एक बार धोखा दिया। पहले उनको लालच देकर उनके वोट हासिल किए, कि सबको परमानेन्ट कर देगें, सबको फ्री में पानी देगें, बिजली के बिल आधे कर देगें, और अब उनकी तनख्वाह को 16,500 रूपये करके लॉली-पोप दिया। जिस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी टिप्पणी कर कहा कि दिल्ली सरकार की सलाहकार समिति ने बिना विचार किए यह निर्णय लिया है। उद्योगपतियों को भरोसे में लेकर या जानबूझकर उनसे मिली-भगत कर नौटंकी की गई। एक तरफ जब केजरीवाल पर मुकदमा था तो राम जेठमलानी जैसे मॅहगें वकील खड़े कर दिए गए जो लाखों रूपये फीस लेते हैं, और जब 20 विधायकों की सदस्यता खतम हुई थी तब भी लाखों रूपये लेने वाले वकील खड़े कर दिए गए, यही नही केजरीवाल ने पार्टी के प्रचार-प्रसार विज्ञापन आदि पर करोड़ो रूपये पानी की तरह बहा दिए, और आम आदमी के नाम पर सरकार में आने वाले मुख्यमंत्री ने गरीब लोगों के लिए कुछ करने की बजाय न्यूनतम वेतन के नाम पर उद्योगपतियों से मिलकर गरीबों को मूर्ख बनाने का काम किया।